भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू होने जा रहा है। 21 जनवरी 2025 से लागू होने वाले नए नियम आम जनता के बैंकिंग अनुभव को पूरी तरह से बदल देंगे। भारतीय रिज़र्व बैंक ने इन नियमों की घोषणा की है, जो सभी बड़े बैंकों पर लागू होंगे। आइए जानते हैं कि ये बदलाव आपकी बैंकिंग सेवाओं को कैसे प्रभावित करेंगे।
फिक्स्ड डिपॉजिट में नए नियम लाएंगे राहत
फिक्स्ड डिपॉजिट के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के लिए नए नियम लाए गए हैं। अब छोटी जमा राशि के लिए जमाकर्ताओं को ज्यादा सुविधा मिलेगी। दस हजार रुपये तक की राशि तीन महीने के भीतर बिना ब्याज के निकाली जा सकेगी। बड़ी जमा राशि के लिए भी नियम आसान किए गए हैं। जमाकर्ता मूल राशि का आधा हिस्सा या पांच लाख रुपये, जो भी कम हो, तीन महीने के अंदर निकाल सकते हैं।
क्रेडिट कार्ड धारकों के लिए भी कई नए बदलाव लाए गए हैं। एयरपोर्ट लाउंज में प्रवेश के लिए न्यूनतम खर्च की सीमा तय की गई है। यूपीआई लेनदेन पर मिलने वाले रिवॉर्ड पॉइंट्स की व्यवस्था में भी बदलाव किया गया है। कार्डधारकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने बैंक से संपर्क करके इन नई सुविधाओं की जानकारी प्राप्त करें।
क्रेडिट जानकारी का तेज अपडेट
क्रेडिट स्कोर और रिपोर्ट को और अधिक विश्वसनीय बनाने के लिए नए नियम लाए गए हैं। अब क्रेडिट जानकारी हर पंद्रह दिन में अपडेट होगी। पहले यह अपडेट महीने में एक बार होता था। नई व्यवस्था से ग्राहकों की क्रेडिट प्रोफाइल अधिक सटीक रहेगी, जिससे लोन लेने में आसानी होगी।
डिजिटल बैंकिंग में सुरक्षा का विशेष ध्यान
डिजिटल बैंकिंग को और अधिक सुरक्षित बनाया जा रहा है। मोबाइल और इंटरनेट बैंकिंग का उपयोग करने वाले ग्राहकों के लिए नई सुरक्षा व्यवस्था लागू की जाएगी। बैंकों के मोबाइल ऐप और वेबसाइट को और अधिक उपयोगकर्ता-मैत्रीपूर्ण बनाया जाएगा। नई डिजिटल सेवाओं की शुरुआत से ग्राहकों को घर बैठे बैंकिंग की सुविधा मिलेगी।
निष्क्रिय खातों पर विशेष ध्यान
दो साल से ज्यादा समय से निष्क्रिय पड़े बैंक खातों पर कार्रवाई की जाएगी। बैंक ऐसे खातों को बंद कर सकते हैं। हालांकि, खाताधारकों को पहले से सूचित किया जाएगा। ग्राहक अपने निष्क्रिय खातों को फिर से चालू कर सकते हैं। यह कदम बैंकिंग प्रणाली में धोखाधड़ी को रोकने में मदद करेगा।
केवाईसी अपडेट अब और आसान
सभी बैंक खातों के लिए केवाईसी अपडेट अनिवार्य किया गया है। कई बैंक अब डिजिटल केवाईसी की सुविधा दे रहे हैं, जिससे ग्राहकों को बैंक जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। समय पर केवाईसी अपडेट न करने पर खाता फ्रीज हो सकता है। इसलिए ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि वे अपना केवाईसी समय पर अपडेट करें।
यूपीआई सेवाओं का विस्तार
यूपीआई 123पे की सीमा बढ़ाकर दस हजार रुपये कर दी गई है। इससे फीचर फोन का उपयोग करने वाले लोग भी डिजिटल भुगतान कर सकेंगे। यह बदलाव विशेष रूप से ग्रामीण और छोटे शहरों के लोगों के लिए फायदेमंद साबित होगा। डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
ईपीएफओ पेंशनर्स के लिए राहत
पेंशनधारकों के लिए भी कई सुविधाजनक बदलाव किए गए हैं। अब वे देश के किसी भी बैंक से अपनी पेंशन निकाल सकेंगे। अतिरिक्त सत्यापन की आवश्यकता नहीं होगी। पेंशन भुगतान के लिए एक केंद्रीय प्रणाली की शुरुआत की जाएगी, जिससे पेंशनर्स को अपनी पेंशन प्राप्त करने में कोई परेशानी नहीं होगी।
ये सभी बदलाव बैंकिंग सेवाओं को और अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और ग्राहक-केंद्रित बनाने के लिए किए गए हैं। इन बदलावों से आम जनता को बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठाने में आसानी होगी। हालांकि, ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि वे इन बदलावों की विस्तृत जानकारी के लिए अपने बैंक से संपर्क करें। साथ ही, अपने खातों और डिजिटल लेनदेन की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखें।
महत्वपूर्ण सूचना: यह जानकारी सामान्य जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले अपने बैंक या वित्तीय सलाहकार से विस्तृत जानकारी प्राप्त करें। बैंकिंग नियमों में समय-समय पर बदलाव हो सकते हैं।